भागलपुर में नोवल कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों की जांच के लिए सभी अस्पतालों में फ्लू कार्नर स्थापित करना होगा। इसको लेकर डीएम प्रणव कुमार ने बुधवार को दिशा-निर्देश जारी किया है।
जेएलएनएमसीएच के अधीक्षक, प्राचार्य,सदर अस्पताल के अधीक्षक,अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधीक्षक सहित सभी सरकारी अस्पतालों के प्रभारी और निजी नर्सिंग होम, क्लीनिक और अस्पताल के संचालक और प्रबंधकों को पत्र भेजकर कहा गया है कि स्वास्थ्य विभाग की अधिसूचना के अनुसार सभी अस्पतालों में फ्लू कार्नर स्थापित करना है। डीएम ने कहा है कि विदेश यात्रा के लौटने वाले या उनके संपर्क में आने वाले व्यक्तियों पर भी नजर रखते हुए समुचित इलाज एवं कम से कम 14 दिनों तक उसकी देखरेख करनी है। ऐसे व्यक्तियों के केस हिस्ट्री को सुरक्षित रखते हुए प्रतिवेदन सिविल सर्जन को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। कहा गया है कि फ्लू कार्नर की स्थापना नहीं करने वालों के विरुद्ध सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई की जायेगी।
कर्मियों का रोस्टर बना
सरकारी कर्मी अब एक दिन छोड़कर कार्यालय आयेंगे। सभी सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों का रोस्टर बना दिया गया है। कर्मियों को इसकी सूचना भी दे दी गयी है।
पहले दिन एडवाइजरी का पालन नहीं
मंगलवार को डीएम ने कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए एडवाइजरी जारी किया था। लेकिन एडवाइजरी जारी होने के पहले दिन बुधवार को ही सरकारी कार्यालयों में इसका पालन नहीं किया गया। सभी सरकारी कार्यालयों के प्रवेश विन्दु पर थर्मल स्कैनर तथा हैंड सैनिटाइजर की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया था। इसके अलावा संचिकाओं को एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय न भेजने और प्रवेश द्वार पर डाक प्राप्ति की व्यवस्था करने को कहा गया था। पानी, साबुन,सैंड सैनेटाइजर की व्यवस्था करने को भी कहा गया था। बुधवार को किसी कार्यालय में व्यवस्था नहीं दिखी। केवल स्थापना शाखा के प्रवेश द्वार पर डाक प्राप्ति के लिए एक बॉक्स रखा गया था। कर्मचारियों ने बताया कि सामान उपलब्ध नहीं कराया गया है। एक-दो दिन में व्यवस्था कर ली जायेगी। कार्यालयों में आम लोगों की उपस्थिति नगण्य रही। कर्मी भी कम संख्या में दिखे। दो बजे तक अधिकारी भी क्षेत्र भ्रमण में जाने के चलते कार्यालय में नहीं थे।
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