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मंगलवार, 17 मार्च 2020

नवगछिया : मास्क खरीदने में पैसे न करें बरबाद, बच्ची ने बताया रूमाल से मास्क बनाने की विधि GS NEWS

नवगछिया निवासी संतोष गुप्ता और रीता गुप्ता की छ: वर्षीय पुत्री पलक कुमारी का एक वीडियो नवगछिया में बड़ी तेजी से वायरल हुआ है. वायरल वीडियो में पलक कुमारी ने मास्क बनाने का घरेलू तरीका बताया है. एक रूमाल को मोर कर पलक तुरंत मास्क तैयार कर देती है और इसी तरह मास्क बना कर लोगों को उपयोग में लाने की सलाह दे रही है. नवगछिया के डा अनंत विक्रम ने कहा कि पलक द्वारा तैयार किया गया मास्क बिल्कुल सटीक और उपयोगी है. रूमाल हर घर में होता है इसलिए कोई भी इस तरह का मास्क तैयार कर सकता है. लेकिन मास्क बनाने से पहले रूमाल को गर्म पानी में एनटिसेप्टिक लोशन के साथ अच्छी तरह से धो लेना चाहिए और हाथ को साफ कर मास्क तैयार करना चाहिए. डा अनंत विक्रम ने पलक की सराहना की है. कोरोना वायरस के कारण पलक के स्कूल में छुट्टी है. वह अपने मम्मी पापा के साथ मुहल्ले में घूम घूम कर लोगों को मास्क बनाने का तरीका बता रही हैं. बनाने के क्रम में वे रूमाल को अच्छी तरह से एनटिसेपेटिक लोशन में धोने और हाथ को बीस मिनट तक साबुन से धोने की भी सलाह दे रही है.

 

कोरोना फोरोना बाद में देखलो जैतै, पहनै मुर्गा दाबे दे

 

आज कल दो लोगों की मुलाकात हो, या फिर मोबाइल टेलीफोन पर बात हो चरचा के केंद्र में कोरोना ही रहता है. अफवाह का भी बाजार जबरदस्त रूप से गर्म है. लेकिन गांवों में कुछ ऐसे भी लोग हैं जो सब कुछ जानते हुए भी बेखबर हैं. मुर्गा भात खाने के शौकीन कल्पतरू काल्पनिक नाम की आज कल चांदी है. रिटेल में भले ही मुर्गे की कीमत में गिरावट न आयी हो लेकिन हालसेल और मुर्गा फार्म संचालकों की हालत बदतर हो गयी है. खरीददार नहीं मिल रहे हैं. ऐसे में कल्पतरू भैया के हाथों चांदी हो गयी है. एक मुर्गा फार्म में उन्हें चालीस रूपये प्रति किलो मुर्गा दिया जा रहा है. कल्पतरू भैया सुबह सुबह पहुंच कर मुर्गा खरीदते हैं और रोजाना मुर्गा भात का आनंद लेते हैं. ऐसा पिछले छ: दिनों से लगातार हो रहा है. घर में सब लोग कोरोना का हवाला दे कर उन्हें ऐसा न करने की सलाह देते हैं तो कहते हैं कोरोना फोरोना बाद में देखलो जैतै, अभी सस्तो छै, पहनै मुर्गा दाबो दे फेरू देखलो जैतै.

 

मुहल्लों में सामने आ रही है ऐसी भी कहानी

 

सरघु काल्पनिक नाम मछली के शौकीन हैं. मंगलवार की सुबह रेहू मछली घर ले आये. घर में मछली दे कर सरघु बाजार चले गये. घर में मछली बन रहा है बच्चे उत्साहित थे. तभी गली से बाबा बेत्तर निकले बच्चों से पूछा क्या बच्चों खाना पीना हो गया है ? बच्चों ने कहा नहीं बाबा आज मछली बन रहा है. बाबा ने कहा कि मछली बन रहा है कि कोरोना वायरस, आज कल मछली नहीं कोरोना वायरस मिल रहा है बाजार में. बच्चों ने जा कर पूरी बात अपनी म्ममी को बता दी. फिर जब सरधु बाजार से वापस आये तो घरवालों का व्यवहार ऐसा था जैसे उन्होंने घर में मछली नहीं कोरोना वायरल ही ला कर दिया हो. मछली फेंकने की बात होने लगी और फेंक ही दिया गया. बच्चे मायूस थे लेकिन उन्हें इस बात को लेकर संतुष्टि थी कि वे लोग कोरोना वायरस से बच गये हैं. दूसरी तरफ बाबा बेत्तर ने अपने देशी कुत्ते को खोल दिया. कुत्ता वहां जा पहुंचा जहां बनी बनायी मछली फेंक दी गयी थी. मछली चट करने के बाद बाबा का कुत्ता अपने स्वामी को सम्मान की नजरों से देख रहा है.

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