भागलपुर - कोरोना वायरस ने कई परिवारों को एक-दूसरे से मिलने का मौका नहीं दिया। अमेरिका में रह रहे एक चिकित्सक व एक इंजीनियर पुत्र अपने-अपने पिता को मुखाग्नि नहीं दे पाये। उन्हें वीजा नहीं मिल पाया।
फिजिशियन डॉ. कैलाश झा का निधन शनिवार को लालबाग स्थित उनके आवास पर शनिवार को हो गयी थी। अमेरिका में चिकित्सक उनके बड़े बेटा काफी प्रयास के बाद भी भागलपुर नहीं पहुंच पाये। जिसके बाद दिल्ली में चिकित्सक छोटे बेटे ने मुखाग्नि दी।
वहीं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. रतन कुमार अग्रवाल की मौत 13 मार्च को कोलकाता में इलाज के दौरान हो गयी। अमेरिका में रह रहे उनके दोनों इंजीनियर पुत्र को कोरोना वायरस की वजह से वीजा नहीं मिला। तब जाकर उनकी लाश को कोलकाता में ही नाती ने मुखाग्नि दी। स्व. डॉ. अग्रवाल के मित्र पूर्व चैंबर अध्यक्ष शैलेंद्र सर्राफ ने बताया कि कोरोना वायरस के कारण अंतिम समय में भी उनके पुत्र को वीजा नहीं मिल सका। दोनों पुत्र अंतिम संस्कार के दौरान भी अब हनुमाननगर, भागलपुर में उपस्थित नहीं हो सकेंगे।
कई लोगों की टली बाकू की यात्रा
कोरोना वायरस ने भागलपुर के लोगों को जरूरी मीटिंग व सेमिनार में भाग लेने से भी रोक दिया। कपड़ा व्यवसायी वरूण गोयनका को अजरबैजान की राजधानी बाकू में 25 व 26 मार्च को आयोजित होने वाली बैठक में भाग लेना था। कोरोना वायरस फैल जाने से कई व्यापारियों ने वहां जाने में असहमति जताई। वरूण ने बताया कि कपड़े के एक बड़े ब्रांड के द्वारा बाकू में कपड़ों की बुकिंग संबंधित बैठक होनी थी। कोरोना वायरस के बाद में कंपनी ने फिलहाल बैठक टाल दी है।
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