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बुधवार, 15 जुलाई 2020

बिहार के विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग को सौंप संयुक्त ज्ञापन, क्या है विपक्षी दलों का मांग GS NEWS


बिहार के सभी विपक्षी दलों ने संयुक्त रूप से बुधवार को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन में उन्होंने चुनाव आयोग के समक्ष अपने 5 मुख्य मांग को रखा है. भाकपा-माले के पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेंद्र झा ने बताया कि हमने मांग की है कि सभी दलों को चुनाव प्रचार में समान अवसर मिले. क्योंकि चुनाव आयोग के सर्वदलीय बैठक में सत्ताधारी दलों ने प्रचार के संबंधी वर्चुअल और ऑनलाइन प्रस्ताव दिया था. जो छोटे और गरीब दलों के लिए संभव नहीं है। 
ज्ञापन में विपक्षी दलों ने प्रमुख रूप से चुनाव के वर्चुअल तरीके की बजाएं परंपरागत शैली में चुनाव करवाने, जनता की व्यापक भागीदारी और चुनाव में पारदर्शिता, निष्पक्षता बनाए रखने की मांग की है. मांग पत्र में हस्ताक्षर भाकपा-माले के राज्य सचिव, राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद प्रसाद सिंह, भाकपा के राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह, माकपा के राज्य सचिव अवधेश कुमार, हम के प्रदेश अध्यक्ष बीएल वैश्यंत्री, रालोसपा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष राजेश यादव शामिल था.

यह है मांग
- सभी दलों को समान अवसर मिले. वर्चुअल तरीके की बजाए परंपरागत शैली में चुनाव हों. चुनाव आयोग यह बताएं कि जिस राज्य में महज 37 प्रतिशत इंटरनेट सेवा की उपलब्धता है, वहां वर्चुअल तरीके से चुनाव कैसे हो सकता है. जाहिर है कि इसमें बड़ा भाग शहरों का ही है.

- धन बल के दुरुपयोग पर रोक लगे. भाजपा व जदयू अभी से वर्चुअल प्रचार में उतर चुके हैं.

- चुनाव की पारदर्शिता की रक्षा हो. पोस्टल बैलेट का दायरा बढ़ाने से चुनाव की पारदर्शिता खत्म हो जायेगी. बुजुर्गों के लिए पोस्टल बैलेट की जगह प्राथमिकता के आधार पर अलग से बूथ बनाएं जाएं.

- मतदान में व्यापक जनता की भागीदारी की गारंटी करें.

- चुनाव महामारी फैलाने का जरिया न बने. अभी सरकार के आदेश के मुताबिक किसी आयोजन में 50 से अधिक की भागीदारी नहीं हो सकती. तब क्या 1000 वोटरों वाला बूथ कोरोना फैलाने का जरिया नहीं बन जायेगा.



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