बिहार में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार ने एक बड़े कठोर निर्णय लिया पटना एम्स में स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल के पहले दिन ही स्वास्थ्य महकमा बैकफुट पर आ गया है। सरकार ने अब निर्णय लिया है कि कोरोना वॉरियर हमारे चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मी अगर संक्रमित होते हैं तो उन्हें होटलों में आइसालेट किया जाएगा। इसका खर्च भी स्वास्थ्य विभाग उठाएगी।
दरअसल, दो माह से सैलरी नहीं मिलने से ज्यादा पटना के कोविड अस्पताल एम्स के नर्सिंग स्टाफ और सफाई कर्मचारियों का इस बात का मलाल था कि अगर वे या उनके परिवार के सदस्य संक्रमित होते हैं तो उनका एम्स में इलाज नीं हो पाएगा। इस बात से नाराज सभी कर्मचारी हड़ताल पर चले गए थे। इन कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के साथ ही सरकार ने यह फैसला लिया है कि अगर कोई चिकित्सक या स्वास्थ्य कर्मी कोरोना संक्रमित होते हैं और उन्हें अगर उनके घर में आइसोलेट होने की व्यवस्था नहीं है तो उन्हें होटलों में आइसोलेट किया जाएगा और इसका पूरा खर्च स्वास्थ्य विभाग उठाएगा।
स्वास्थ्य कर्मियों और चिकित्सकों को होटल में आइसोलेट कर उनका खर्चा वहन करने का स्वास्थ्य विभाग ने निर्णय लिया है। इस निर्णय से अब कोरोना से जंग लड़ रहे हमारे वॉरियर चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों में उम्मीद की एक नई किरण जगी है।
अब वे पहले से ज्यादा तत्परता से कोरोना से जंग लड़ पाएंगे। स्वास्थ विभाग ने इसके लिए सभी जिलाधिकारी को निर्देश दिया है कि जिन चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी में कोरोना के लक्षण पाए जाएं और उनके घर में सेल्फ आइसोलेशन की व्यवस्था में उन्हें कठिनाई हो तो उन्हें होटल में आइसोलेट किया जाए और इसका खर्च स्वास्थ विभाग वहन करेगा।
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